सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अब नहीं होंगे सनबर्न से परेशान अपनाइए इन आसान से घरेलू नुस्खे को sunburn ke gharelu upay

सनबर्न क्या होता है ? sunburn kya hota hai गर्मियों के दिनों में धूप बहुत ही ज्यादा होती है |गर्मी के दिनों में धूप के साथ-साथ गर्म हवाएं भी बहुत ही तीव्र गति से चलती है ,जिनमें आग की लपटों की तरह जलन होती है |जब हम इन चिलचिलाती धूप और गर्म हवाओं के संपर्क में आते हैं तो हमारी त्वचा को काफी नुकसान पहुंचता हैं |इनके कारण हमारी त्वचा काली पड़ने लगती है, जिसे हम सनबर्न भी कहते है | सनबर्न होने के कारण हमारी त्वचा में अनेक समस्याएं होने लगती हैं | जैसे - त्वचा में जलन ,त्वचा मे रेशेस निकलना ,चेहरे पर काली परत, चेहरे का कांतिहीन होना आदि समस्याएं हमारे चेहरे पर होने लगती है | सनबर्न या धूप से जली त्वचा के घरेलू उपाय अगर आप भी इन समस्याओं से ग्रसित है | अगर आपको  सनबर्न की समस्या है, तो अब आपको कहीं कुछ करने की जरूरत नहीं है ,ना ही अब आपको सनबर्न को समाप्त करने के लिए महंगे उत्पादों का प्रयोग करने की जरूरत है |आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों (sunburn ke gharelu nuskhe)के बारे में बताएंगे ,जिनका प्रयोग करके आप आसानी से अपनी चमकती और दमदार  खिलती त्वचा को पुनः पा सकते है | सन बर्न को दूर करने

घुटनों के दर्द को चुटकियों में दूर कर देगा यह रामबाण घरेलू नुस्खा ghutno ke dard ka ramban gharelu ilaj

  घुटनों के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार /उपाय (ghutno ke dard ka ayurvedic upchar) घुटने के दर्द की समस्या आम होती जा रही है | बच्चे हो या जवान हो या बूढ़े हो यह हर उम्र के लोगों के लिए एक गंभीर समस्या हो गई | आज हम आपको घुटने के दर्द के कारण और इसके कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताएंगे जिस का प्रयोग करके आप घुटने के दर्द को बहुत ही आसानी से ठीक कर सकते हैं | घुटने के घरेलू उपाय बताने से पहले आइए जान लेते हैं कि घुटने के दर्द के कारण क्या होते है | घुटने के दर्द के घरेलू उपाय घुटने के दर्द के निम्नलिखित कारण होते हैं (ghutno ke dard ka karan)  मोटापा घुटने का दर्द का एक प्रमुख कारण है |मोटापा बढ़ने से घुटने पर भार अधिक पड़ता है ,जिसकी वजह से घुटनों में दर्द हो जाता है | गठिया की बीमारी के कारण भी घुटनों में दर्द या जोड़ों में दर्द की समस्या पैदा हो जाता है |  कभी-कभी जाने -अनजाने में हमें घुटने में चोट लग जाती है या कहीं ठोकर लग जाती है | जो आगे चलकर घुटने के दर्द का प्रमुख कारण बनती है |  लुब्रिकेशन (चिकनाई) का समाप्त होना भी घुटने का दर्द का प्रमुख कारण है | डॉक्टरों के अनुसार हमारे घुटनों में जो

अगर आप भी कद्दू खाते हैं ,तो जान लीजिए इसके फायदों के बारे में kaddu ke fayde

कद्दू खाने के के फायदे benefit of pumpkin in hindi कदू, जिसको लालपेठा के नाम से भी जाना जाता है। क्या आप जानते हैं कि यह कितना फायदेमंद होता है।कद्दू खाने से क्या-क्या फायदे (kaddu ke fayde)होते हैं।अगर आप भी कद्दू को देख कर मुंह बनाते है, तो आज जान लीजिए कि कद्दू खाने के क्या-क्या फायदे होते हैं।इसके बाद अब कभी भी कद्दू खाने से मुंह नहीं बनाएंगे, बल्कि इसे अपने भोजन में शामिल भी कर  लेंगे। कद्दू खाने के फायदे यह समस्त भारतवर्ष में आसानी से प्राप्त  होने वाला फल या सब्जी है।इसकी बेलें बरसात में उत्पन्न होती हैं, जो जाड़े में फलती हैं।इसकी लता विशाल होती है। उसमें रोयेदार पत्ते होते हैं, जो रूखड़े होते हैं। इसके फूल पीले होते हैं और फल बड़े-बड़े गोल सिन्दूरी रंगत के होते हैं, जिन पर सफेद रंग के छींटे होती हैं। यह औषधि के ही काम आता है। उ०प्र० बिहार, बंगाल, आसाम, नेपाल आदि पूर्वी क्षेत्रों में 'कद्दू' एक दूसरा ही फल है। यह लता भी कुम्हरे(कोहड़े) ही जैसी होती है, परन्तु रूखड़ी नहीं होती। इसमें भी बड़े-बड़े फल लगते हैं। इसका सब्जी में प्रयोग होता है। इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरिया

किचन के मसाले दिलाएंगे आपको कोरोना से छुटकारा corona me ayurvedic treatment

 मसाले दिलाएंगे कोरोना से राहत corona virus ke gharelu upay आज जिधर देखो ,उधर कोरोना ,चारों तरफ करोना ही  करोना की हाहाकार है |लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं ,लेकिन इस करोना काल में भी लोगों का बाहर निकलना उनकी मजबूरी है |अगर वह घर से बाहर नहीं जाएंगे ,तो उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करना काफी कठिन होगा |चाहे वह सब्जी लेने के लिए ,चाहे दवा लेने के लिए ,उन्हें घर से किसी न किसी हाल में बाहर निकलना ही होगा | अगर जीवन है, तो इसे जीने के लिए धन की आवश्यकता होगी , जिसके लिए काम करना होगा और काम करने के लिए आपको ऑफिस या कार्यस्थल पर जाना होगा |इस करोना काल में हमारा बाहर जाना हमारी मजबूती नहीं ,अपितु हमारी मजबूरी है | आज करोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है |  आज भारत में कोरोना मरीजों की संख्या लगभग 5487580 के पार हो गई |जिसमें से 4396399 लोग स्वस्थ हो चुके है और 87882 लोग मृत घोषित किए जा चुके हैं |ऐसे समय में हमें अपने आप को सुरक्षित रखना है तथा अपनों को भी बचाना है | यह एक बड़ी समस्या है |इस समस्या से हमें स्वयं लड़ना होगा और अपने स्वास्थ्य के

अरहर/ तुवर की दाल खाने से होते हैं ऐसे चमत्कारिक फायदे Arhar dal ke fayde

  अरहर /तुअर के फायदे arhar ke fayde in hindi अरहर की दाल को तुवर भी कहा जाता है। इसमें खनिज, कार्बोहाइड्रट,आयरन, कैल्शियम आदि पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यह सुगमता से पचने वाली दाल है, अतः रोगी को भी दी जा सकती है, परन्तु गैस, कब्ज एवं सांस के रोगियों को इसका सेवन न के बराबर ही करना चाहिए। इसकी दाल त्रिदोषनाशक (वात, कफ और पित्त) होने से सभी के लिए अनुकूल रहती है।    अरहर दाल खाने के फायदे 100 ग्राम अरहर दाल में 22 ग्राम प्रोटीन, 343 कैलोरी, 17 मिलीग्राम सोडियम, 1392 मिलीग्राम पोटैशियम, 63 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 15 ग्राम फाइबर और विटामिन ए, बी12, डी और कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है। इस दाल के सेवन के कई फायदे हैं। अरहर के पौधे की सुकोमल डंडियां, पत्ते आदि दूध वाले पशुओं को विशेष रूप से खिलाए जाते हैं। इससे वे अधिक तरोज़ाता बनते हैं और अधिक दूध देते हैं।इसका रंग पीला और लाल होता है। इसकी दाल खाने में फीकी तथा स्वादिष्ट होती है। अरहर की प्रकृति गर्म और खुश्क होती है। अरहर की दाल उपयोगी क्यों है? यह कषैली, रूक्ष, मधुर शीतल, पचने में हल्की, मल को न रोकने वाली, वायुउत्पादक, शरीर के अं

ओ माई गाड ,आलू खाने के इतने सारे फायदे aloo khane ke fayde aur Nuksaan

आलू खाने के फायदे और नुकसान/aloo khane ke fayde aur Nuksaan आलू (POTATO) एक सब्जी है। वनस्पति विज्ञान की दृष्टि से यह एक तना है। इसका उद्गम स्थान दक्षिण अमेरिका का पेरू है। यह गेंहू, धान तथा मक्का के बाद सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसल है। भारत में यह विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में उगाया जाता है। यह जमीन के नीचे पैदा होता है। आलू के उत्पादन में चीन और रूस के बाद भारत तीसरे स्थान पर है । अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक अनुसंधान से यह निष्कर्ष निकाला है कि पेरू के किसान आज से लगभग 7,000 साल पहले से आलू उगा रहे हैं। सोलहवीं सदी में स्पेन ने अपने दक्षिण अमेरिकी उपनिवेशों से आलू को यूरोप पहुंचाया। उसके बाद ब्रिटेन जैसे देशों ने आलू को दुनिया भर में लोकप्रिय बना दिया। आज भी आयरलैंड तथा रूस की अधिकांश जनता आलू पर निर्भर है। भारत में यह सबसे लोकप्रिय सब्जी है।   आलू खाने के फायदे और नुकसान आलू से अनेक खाद्य सामग्री बनती है। जैसे-बड़ापाव, चाट, आलू भरी कचौड़ी, चिप्स, पापड़, फ्रेंचफ्राइस, समोसा, टिक्की, चोखा आदि। आलू को अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर तरह-तरह के पकवान बनाये जाते हैं। आलू और उसके गुण-aloo ke

कई रोगों का काल है अश्वगंधा ,Ashwagandha ke fayde aur nuksaan in Hindi

  अश्वगंधा के फायदे व नुकसान ( Ashwagandha Side Effects and Benefits in Hindi) अश्वगंधा नाम से ही स्पष्ट है इसमें अश्व (घोड़े) की गंध आती है |यानी अश्वगंधा एक ऐसा पौधा है जिसमें घोड़े की गंध आती है | अश्वगंधा बहुत ही आसानी से प्राप्त होने वाला पौधा है | इसे आप किसी भी गमले में या घर के आंगन में लगा सकते है | प्राचीन काल में ऋषि मुनियों ने इस पौधे से घोड़े की गंध जैसी खुशबू को महसूस किया और उसी के नाम पर इस पौधे का नाम रख दिया -अश्वगंधा |यह  Withania somnifera कुल का पौधा है |यह पौधा शुष्क और अर्ध शुष्क क्षेत्रों में पाया जाता है |   अश्वगंधा के फायदे अश्वगंधा प्राचीन काल से आयुर्वेद में उपचार होने वाली एक कारगर औषधि है| हजारों सालों से इसका इस्तेमाल कई गंभीर बीमारियों के लिए किया जाता रहा है |आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि अश्वगंधा का इस्तेमाल कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है |इसमें सेहत के लिए कई छोटे-बड़े गुण छिपे हुए हैं |   अश्वगंधा का प्रयोग विभिन्न प्रकार के रोगों के इलाज में किया जाता है | अश्वगंधा अपने औषधीय गुणों के लिए भी काफी जाना जाता है |अश्वगंधा का

अधकपारी के कारण, लक्षण और स्थायी रामबाण इलाज,migraine treatment in hindi

अधकपारी या माइग्रेन migraine ka ayurvedic ilaj  आधे सिर का दर्द (माइग्रेन) जिसे अधकपारी के नाम से भी जाना जाता है यह दर्द सर के किसी भी हिस्से में होता है ।या सर के बाएं या दाएं हो सकता है।यह दर्द धीरे-धीरे शुरू होकर काफी तेज हो जाता है।इस दर्द का कोई निश्चित समय नहीं  होता है।यह दर्द कुछ मिनट भी हो सकता है, कुछ घंटे भी हो सकता है ,या कुछ सप्ताह या महीने भी हो सकता है।माइग्रेन का दर्द( migraine treatment in hindi)   सूर्य अस्त होने के साथ-साथ बढ़ता जाता है ।आज हम इस लेख में माइग्रेन के दर्द ,माइग्रेन होने के कारण और इसके कुछ घरेलू उपाय के बारे में चर्चा करेंगे। adhkapari ka ramban gharelu ilaj  अधकपारी होने के कारण-adhkapari ke Karan  अधकपारी होने के निम्नलिखित कारण हो सकते  है।  नजर कमजोर होना- अधकपारी में नजर कमजोर होना भी एक मुख्य कारण हो सकता है नजर कमजोर होने के   परी राम स्वरूप किसी भी वस्तु को देखने के लिए अधिक आंखों पर जोर दिया जाता है  जिससे सर में दर्द हो सकता है।   पेट में गैस - कभी-कभी हम इतना अधिक मसालेदार चीजों का प्रयोग करते हैं, जिसकी वजह से हमारे पेट में गैस बनने लगती

एलोवेरा के इतने सारे फायदे और इसके नुकसानaloe vera ke fayde aur nuksan

 एलोवेरा के फायदे और नुकसानaloe vera ke fayde aur nuksan एलोवेरा का प्रयोग प्राचीन काल से किया जा रहा है।एलोवेरा इतना लाभकारी और गुणकारी पौधा है, जिसका प्रयोग स्वास्थ्य के क्षेत्रों में भरपूर किया जाता है।वैसे देखा जाए तो एलोवेरा का प्रयोग प्राचीन मिस्र में सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता था।एलोवेरा के सुखदायक और भड़काऊ विरोधी गुणों के कारण घायल सैनिकों के दर्द को दूर करने में भरपूर मात्रा में किया जाता  था । aloe vera ke fayde in hindi, इसमें अद्भुत मॉइस्चराइजिंग गुण  पाए जाते हैं, जिसके कारण  इसका प्रयोग सौंदर्य उद्योग में एक बहुत ही अधिक मात्रा में किया जाता है। एलोवेरा को आप घर के बाहर और घर के अंदर कहीं भी लगा सकते हैं या इसे गमले में भी लगा सकते हैं।एलोवेरा में लगभग 90-95 पर्सेंट जल होता है इसके त्रिकोणीय, मांसल पत्ते एक जेल-जैसे तरल को संग्रहीत करते हैं ,जिसमें महत्वपूर्ण  उपचारात्मक गुण होते हैं।   एलोवेरा कहां पाया जाता है? मुसब्बर वेरा ,जीनस मुसब्बर  के  पौधे की एक प्रजाति है। मुसब्बर वेरा दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय जलवायु में बेतहाशा बढ़ता है और मुख्य रूप से औषधीय और कृषि उप

नींबू पानी पीने के इतने सारे फायदे, नुकसान nimbu pani pine ke fayde aur nuksan

 नींबू पानी पीने के फायदे और नुकसान nimbu pani pine ke fayde aur nuksan नींबू पानी का सेवन हमारे शरीर के लिए बहुत ही कारगर और उपयोगी होता है | इसलिए हमें रोज सुबह उचित मात्रा में नींबू पानी का सेवन करना चाहिए | नींबू पानी हमारे स्वास्थ्य से संबंधित अन्य बीमारियों के रोकथाम में भी काफी फायदेमंद और उपयोगी होता है |नींबू पानी में कई तरह के पोषक तत्व और मिनरल्स पाए जाते हैं ,जो हमारे शरीर को ऊर्जावान तथा स्फूर्तिमय बनाते हैं | शरीर से संबंधित अनेक बीमारियां जैसे - इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाना, पाचन तंत्र को सही रखना , शरीर को स्फूर्ति और ऊर्जावान बनाना ,वजन को कम करना तथा चेहरे के दाग धब्बों को दूर करने और चेहरे को चमकदार बनाने में नींबू का सेवन बहुत ही उपयोगी और लाभकारी होता है |   नींबू पानी पीने के फायदे नींबू में विभिन्न प्रकार के विटामिंस और मिनरल्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं नींबू में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है ,जो हमारे शरीर के  स्कर्वी रोग को दूर करने में काफी उपयोगी होता है | इसलिए सुबह-सुबह नींबू पानी पीने से हमारे शरीर विटामिंस ,पोटैशियम और फाइबर आदि मिलता है |

किसी भी प्रकार की पेचिश को दूर करें, इन आसान घरेलू उपायो से,khooni,safed pechis ki dawa

  पेचिश क्या है?pechis kya hai, pechis ke gharelu upay पेचिश पेट से संबंधित एक  ऐसा रोग है, जिसमें दस्त होने के साथ-साथ रक्त भी निकलता है। इस बीमारी को आंव भी कहते हैं। इस बीमारी के अन्य नाम आंवतिसार ,रक्ततिसार और आमातिसार  भी है | यह आंतों में होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है। इसमें पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है। पेचिश की बीमारी होने पर इसका तुरंत इलाज करवा लेना चाहिए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। pechis ke gharelu upay पेचिश होने के कारण pechis hone ke karan  इस संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है इसके साथ-साथ बासी  खाना खाने, तली -भुनी चीजों का अधिक सेवन करना और अधिक मसालेदार वस्तुओं के सेवन से  पेचिश हो सकता है|  इसके अतिरिक्त यह रोग मक्खियों से फैलता है| पेचिश रोग के जीवाणु रोगी के मल में मौजूद रहते हैं| जब कभी पेचिश का रोगी खुले में मल त्याग करता है ,तो उस पर मक्खियां आकर बैठ जाती हैं और वे उन जीवाणुओं को अपने साथ ले जाती हैं तथा खुली हुई खाने-पीने की चीजों पर छोड़ देती हैं| फिर जो व्यक्ति उन वस्तुओं को खाता है, उनके साथ वे जीवाणु उसके पेट में चले जाते हैं| इस त

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

नागदोन कई रोगों का है अचूक इलाज nagdon ke patte ke fayde

 नागदोन कई रोगों का है अचूक इलाज nagdon ke patte ke fayde  नागदोन पौधे का परिचय - नागदोन के फायदे ( nagdon ke fayde )बताने से पहले हम नागदोन के  बारे में जान लेते है | वैसे देखा जाए तो नागदोन पौधे का वर्णन बहुत कम ही देखने को मिलता है ,लेकिन नागदोन का पौधा औषधि गुणों से भरा पड़ा होता है| इन्हीं औषधि गुणों के कारण नागदोन के पौधे का प्रयोग अनेक प्रकार की गंभीर बीमारियों में भी किया जाता है | जैसे - खूनी या बादी बवासीर, हिसाब से संबंधित समस्याओं को दूर करने मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव  में, सूजन हो या फोड़े फुंसियां हो उनको भी ठीक करने में किया जाता है | नागदोन के पौधे को नागदमनी  के नाम से भी जाना जाता है | nagdon ke fayde नागदोन का पौधा ( nagdon plant ke fayde )आपको सर्वत्र देखने को मिल जाएगा |यह पौधा खेतों में, खलियानों में, बगीचों में और  लानों में देखने को मिल जाता है|इस पौधे को आप अपने घर में भी लगा सकते हैं | इसे आप आसानी से किसी गमले में लगा सकते है | तो आइए जान लेते हैं इस चमत्कारिक फायदे के कुछ लाभों के बारे में  नागदोन के फायदे(nagdon ke fayde in hindi) पेशाब की समस्या को दूर

अरंडी के जड़ व पत्तों के चमत्कारी फायदे

अरंडी के जड़ व पत्तों के चमत्कारी फायदे,arandi leaves benefits,arandi ke patte ke fayde piliya me,arandi ke patte ke fayde in hindi,arandi ke patte ke fayde bataye अरंडी का पौधा  कूड़ा करकट  या गोबर युक्त स्थानों पर  अधिक पाया जाता है । यह गांव- घर के आस-पास ,नदी- नालों के पास, छोटे पोखर के पास अधिकांशत देखने को मिल जाता है। अरंड का पौधा देखने में तो झाड़ियों के समान लगता है ,पर यह अपने औषधि गुणों के कारण अनेक रोगों के उपचार में काफी उपयोगी और लाभदायक होता है।      5 चौड़ी पंख वाले इसके पत्ते लाल व हरे रंग के होते हैं, जो औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यह अरंडी हमारे शरीर के लिए आंतरिक या बाह्य दोनों रूप से उपयोगी और लाभकारी होती है ।अरंडी के बीज हो ,चाहे  पत्ते हो या अरंडी के तेल हो यह सभी किसी न किसी रोग के उपचार में प्रयोग किए जाते हैं। अरंडी में एंटीइन्फ्लेमेटरी ,एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल,और एंटी फंगल तत्व पाए जाते हैं, जिसके कारण स्किन व बालों को स्वस्थ रखने में भी काफी लाभदायक होते हैं । अरंडी के पत्ते के फायदे     अरंडी के पत्तों का प्रयोग अनेक रोगों के उपचार में क

बवासीर ठीक करे चुटकियो में! bawasir ke gharelu upay,khoni bawasir,badi bawasir

 बवासीर- bawasir ke gharelu upay, bawasir ke masse ka desi ilaj, आज के जमाने में बवासीर एक आम बात है हर कोई व्यक्ति  इससे कभी ना कभी पीड़ित होता है |बवासीर होने पर व्यक्ति को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है | बवासीर होने पर व्यक्ति का मल कड़ा हो जाता है जिससे मल त्यागने में व्यक्ति को काफी जोर लगाना पड़ता है | जिससे  मस्से छिल जाते हैं और व्यक्ति दर्द से कराहने लगता है |  बवासीर के प्रकार बवासीर दो प्रकार की होती हैं-अंदर और बाहर की|अंदर की बवासीर मे मस्से अंदर को होते हैं|गोल-चपटे उभरे हुए मस्से  चने-मसूर के दाने के बराबर भी होते हैं|कब्ज की वजह से जब अंदर का मस्सा शौच करते समय जोर लगाने पर बाहर आ जाता हैं,तो मरीज दर्द से तड़प उठता है और मस्से( masse wali bawaseer ka ilaj in hindi ) छिल जाए तो जख्म हो जाता है| इसे हम बादी बवासीर भी  कहते  हैं bawasir ke gharelu upay hindi tips बाहर की बवासीर मे- मस्सा गुदा वाली जगह पर होता है इसमें इतना दर्द नहीं होता हैं|कभी- कभी मीठी खारिश या खुजली होती है|कब्ज होने पर इससे इतना खून आने लगता हैं कि मरीज खून देखकर घबरा जाता है और चेहरा

दाद खाज खुजली कैसा भी हो ठीक करें चुटकी में dad ka ilaj

दाद -खाज -खुजली क्या है?daad khaj khujli ka pakka ilaj दाद एक प्रकार का चर्म रोग है |जो संक्रमण के कारण फैलता है| यह संक्रमित व्यक्ति के कपड़े छूने पहनने से हो सकता हैं |शुरुआत में यह धीरे धीरे फैलता है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है, यह बहुत ही तेज गति से  फैलता है |  यह फफूंदी से होने वाला रोग है| दाद होने पर यह जल्दी ठीक नहीं होता है और हमें काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है | dad khaj khujali ka ilaj in hindi दाद खाज होने के कारण dad khaj hone ke karan दाद की उत्पत्ति फफूंदी के कारण मानी जाती है | इस रोग में रोगाणु त्वचा की बाल की जड़ से त्वचा में प्रवेश करते हैं और हमारी त्वचा को प्रभावित कर देते हैं| यह पैरों और हाथों में दाढ़ी में या जांघों के बीच में बहुत ही  शीघ्रता से फैलता है | दाद नमी वाले स्थानों पर बहुत ही शीघ्र गति से फैलता है  जैसे- जांघों में या जहां पर अधिक पसीना आता हो | लक्षण- dad khaj hone ke lakshan  शुरू में यह लाल रंग के छोटे से  चकते के रूप में दिखाई देता है| और धीरे-धीरे या मटमैला  रंग का हो जाता है |दाद होने पर खुजली और जलन भी होती हैं |और जब अधिक मात्रा

घेंघा रोग(goiter) ,कारण, लक्षण और अचूक रामबाण घरेलू उपाय,thyroid ka ilaj

 गलगंड/घेंघा(goiter) क्या है ?ghengha rog kya hota hai? कंठमाला को घेघा रोग(goitre )के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग आयोडीन की कमी से होता है। इस रोग में गर्दन या गले में थोड़ी सूजन हो जाती है, जिसके कारण गले का कुछ हिस्सा फूला हुआ नजर आता है ।अगर इसका इलाज सही समय पर न किया जाए ,तो यह कैंसर का रूप धारण कर लेता है।अतः घेंंघा का इलाज सही समय पर कराना नितांत आवश्यक होता है। घेंघा रोग थायराइड ग्रंथि( thyroid ke gharelu upay) में होने  वाला रोग है । घेंघा रोग/ गलगंड  घेंघा रोग होने के कारण -ghengha rog ke karan आमतौर पर अगर देखा जाए तो घेंघा रोग होने का मुख्य कारण जो होता है ,वह आयोडीन की कमी होती है अर्थात जिन व्यक्तियों में आयोडीन की कमी होती है वह घेंघा रोग से ग्रसित हो जाते हैं ।अत: व्यक्ति को आयोडीन युक्त नमक का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए। गलगंड/  थायराइड (goiter)/thyroid  के लक्षण( galgand ke lakshan) तीव्र सिरदर्द गर्दन में जकड़न नींद के झोंके मुर्छा आना अत्यधिक वमन अत्यधिक तापमान पेट दर्द अंडकोषों में सूजन घेंघा रोग में क्या नहीं खाना चाहिए ?ghengha rog me kya na khaye ?

मर्दाना कमजोरी को चुटकियों में दूर करने के अचूक घरेलू उपाय,Mardana Kamzori

  मर्दाना कमजोरी से तात्पर्य पुरुष की प्रजनन क्षमता में कमी का होना है  ऐसी स्थिति में पुरुष का प्रजनन अंग कमजोर हो जाता है| परिणाम स्वरूप पुरुष के शरीर में शुक्राणुओं की कमी हो जाती है  इसके अलावा कई लोगों में शुक्राणुओं का अभाव भी हो जाता है| मर्दाना कमजोरी( mardana kamzori ki dawa) की समस्या से ग्रसित व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ सहवास करते समय उसे पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाता है इस वजह से वह मानसिक परेशानी का भी सामना करता है| mardana kamzori ka gharelu ilaj in hindi जाने अनजाने में हम कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते है जिसकी वजह से हमें मर्दाना कमजोरी (mardana kamzori ka ilaj in hindi )की समस्या का सामना करना पड़ता है अक्सर देखा गया है कि लोग अपनी कामुकता की भावना को शांत करने के लिए हस्तमैथुन करते है |इस क्रिया के निरंतरता के फल स्वरुप हम अपनी मर्दाना ताकत( mardana taqat ki dawa in hindi ) को खो देते हैं |इसके अतिरिक्त अन्य ऐसे कारण भी है जिनकी वजह से हम अपना वीर्य (मर्दाना ताकत) काफी मात्रा में पतला कर देते हैं और हम मर्दाना कमजोरी की समस्या से ग्रसित हो जाते है|  अक्सर देखा गया ह

किसी भी प्रकार की पेचिश को दूर करें, इन आसान घरेलू उपायो से,khooni,safed pechis ki dawa

  पेचिश क्या है?pechis kya hai, pechis ke gharelu upay पेचिश पेट से संबंधित एक  ऐसा रोग है, जिसमें दस्त होने के साथ-साथ रक्त भी निकलता है। इस बीमारी को आंव भी कहते हैं। इस बीमारी के अन्य नाम आंवतिसार ,रक्ततिसार और आमातिसार  भी है | यह आंतों में होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है। इसमें पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है। पेचिश की बीमारी होने पर इसका तुरंत इलाज करवा लेना चाहिए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। pechis ke gharelu upay पेचिश होने के कारण pechis hone ke karan  इस संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है इसके साथ-साथ बासी  खाना खाने, तली -भुनी चीजों का अधिक सेवन करना और अधिक मसालेदार वस्तुओं के सेवन से  पेचिश हो सकता है|  इसके अतिरिक्त यह रोग मक्खियों से फैलता है| पेचिश रोग के जीवाणु रोगी के मल में मौजूद रहते हैं| जब कभी पेचिश का रोगी खुले में मल त्याग करता है ,तो उस पर मक्खियां आकर बैठ जाती हैं और वे उन जीवाणुओं को अपने साथ ले जाती हैं तथा खुली हुई खाने-पीने की चीजों पर छोड़ देती हैं| फिर जो व्यक्ति उन वस्तुओं को खाता है, उनके साथ वे जीवाणु उसके पेट में चले जाते हैं| इस त

क्या आप भी है खुजली से परेशान तो, अपनाएं इन 24 अचूक घरेलू उपायों को

 क्या आप भी है खुजली से परेशान तो, अपनाएं इन 24 अचूक घरेलू उपायों को बदलते मौसम के अनुसार स्कीम से संबंधित अनेक समस्याएं हमारे सामने आकर खड़ी हो जाती है ।अगर इन समस्याओं का समय पर इलाज नहीं किया जाए ,तो काफी कष्टदायक हो सकती हैं ।गर्मियों के मौसम में तो यह समस्या और भी विकराल रूप ले लेती है ।इन्हीं समस्याओं में दाद ,खाज और खुजली जैसी समस्याएं हमारे सामने देखने को मिलती है। यह समस्या हमारे सामने उचित देखभाल  और साफ-सफाई नहीं कर पाने के कारण पैदा होती है ।तो आज हम खुजली  से संबंधित 24 ऐसी प्रभावकारी घरेलू नुस्खे के बारे में बात करेंगे ,जिससे आप अपने खुजली का उपचार बहुत ही आसानी से कर सकते हैं-   खुजली के घरेलू उपाय दूधी का रस लगाने से खुजली मिट जाती है।  पीपल के वृक्ष की छाल का क्वाथ बनाकर पीने से खुजली मिट जाती है। नागदोन और शक्कर मिलाकर खाने से खुजली मिट जाती है।  पारस पीपल के फल फूल या छाल को गर्म करके स्नान करने से खुजली मिट जाती है।  मीठे नीम की छाल को पीसकर लगाने से फफोले व खुजली मिट जाती है  पित्तपापड़े का अर्क या अवलेह बनाकर खाने से खुजली तथा अन्य चर्म रोग मिट ज

आंवला खाने से दूर होते हैं ये सारे रोग

आंवला खाने से दूर होते हैं ये सारे रोग       वैसे देखा जाए तो आंवला आकार में  अन्य फलों से से काफी छोटा होता है  और स्वाद में भी काफी खट्टा होता है लेकिन यह अपने और सभी गुणों के कारण काफी उपयोगी और लाभदायक होता है आंवले का प्रयोग अन्य घरेलू नुस्खों के रूप में किया जाता है|      आंवला मैं विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है इसके अलावा विटामिन A ,B कांप्लेक्स ,पोटेशियम ,कैल्शियम, मैग्नीशियम ,आयरन ,कार्बोहाइड्रेट ,फाइबर और डाई यूरिक एसिड पाए जाते हैं और आंवले में पाए जाने वाला विटामिन सी स्कर्वी रोग के रोकथाम में सहायता प्रदान करता है, क्योंकि विटामिन सी की कमी से स्कर्वी रोग हो जाता है| जिसके आंवले के गुण कारण व्यक्ति के मसूड़ों से खून आने लगते हैं| अतः इस रोग से बचने के लिए मनुष्य को आंवले का सेवन जरूर करना चाहिए | आंवले में औषधि  गुण होने के कारण इसे 100 रोगों की दवा भी कहा जाता है |आंवले का  प्रयोग अनेक रोगों जैसे कब  बनना, भूख न लगना ,योनि शक्ति के लिए ,पेट और आंतों में छाले होना, बलगम बन रहा हो, सिर चकराना ऐसे ही अनेक प्रकार के रोगो में आंवले का प्रयोग किया जा सकता है

8+anar khane ke fayde अनार खाने के 8 महत्वपूर्ण फायदे

अनार के 8 महत्वपूर्ण फायदे व नुकसान,अनार के औषधीय गुण benefit of anar,anar khane ke fayde,anar ke chilke ke fayde in hindi,anar ke fayde,khali pet anar khane ke fayde,anar ke chilke ke fayde in hindi,anar khane ke fayde for skin in hindi,anar ke fayde batao,benefit of anar,anar khane ke fayde ,अनार के सेवन से फायदे anar ke fayde       वैसे देखा जाए तो फलों में अनार  काफी महत्वपूर्ण फल है  |अनार मैं विटामिन ए ,सी और K तथा फाइबर पाया जाता है|.अनार फल  स्वास्थ्य दृष्टि से काफी लाभदायक है |अनार एक रसदार फल है, जिसमें छोटे-छोटे दानों में रस भरा होता है जिससे अनार का जूस निकाला जाता है| अनार का जूस हमारे सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है|अनार के जूस का नियमित रूप से प्रयोग किया जाए ,तो हमारे स्वास्थ्य संबंधित अनेक समस्याओं का निदान हो सकता है| khali pet anar khane ke fayde anar ke fayda       ऐसा फल है जिसके  बीज और छिलकों में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं ,जिनके सेवन या प्रयोग से हम अपनी स्वास्थ संबंधी अनेक समस्याओं का निदान या उपचार  कर  सकते हैं |अनार का सेवन करने से खून की