अरहर /तुअर के फायदे arhar ke fayde in hindi
अरहर की दाल को तुवर भी कहा जाता है। इसमें खनिज, कार्बोहाइड्रट,आयरन, कैल्शियम आदि पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यह सुगमता से पचने वाली दाल है, अतः रोगी को भी दी जा सकती है, परन्तु गैस, कब्ज एवं सांस के रोगियों को इसका सेवन न के बराबर ही करना चाहिए। इसकी दाल त्रिदोषनाशक (वात, कफ और पित्त) होने से सभी के लिए अनुकूल रहती है।
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अरहर दाल खाने के फायदे |
100 ग्राम अरहर दाल में 22 ग्राम प्रोटीन, 343 कैलोरी, 17 मिलीग्राम सोडियम, 1392 मिलीग्राम पोटैशियम, 63 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 15 ग्राम फाइबर और विटामिन ए, बी12, डी और कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है। इस दाल के सेवन के कई फायदे हैं।
अरहर के पौधे की सुकोमल डंडियां, पत्ते आदि दूध वाले पशुओं को विशेष रूप से खिलाए जाते हैं। इससे वे अधिक तरोज़ाता बनते हैं और अधिक दूध देते हैं।इसका रंग पीला और लाल होता है। इसकी दाल खाने में फीकी तथा स्वादिष्ट होती है। अरहर की प्रकृति गर्म और खुश्क होती है।
अरहर की दाल उपयोगी क्यों है?
यह कषैली, रूक्ष, मधुर शीतल, पचने में हल्की, मल को न रोकने वाली, वायुउत्पादक, शरीर के अंगों को सुंदर बनाने वाली, कफ और रक्त सम्बन्धी विकारों को दूर करने वाली है। पीली अरहर की दाल, हल्की, तीखी तथा गर्म होती है। यह अग्नि को प्रदीप्त करने वाली (भूख को बढ़ाने वाली) और कफ,विष, खून की खराबी, खुजली, कोढ़ (सफेद दाग) तथा जठर (भोजन पचाने का भाग) के अंदर मौजूद हानिकारक कीड़ों को दूर करने वाली है। अरहर की दाल पाचक है तथा बवासीर, बुखार और गुल्म रोगों में भी यह दाल लाभकारी है।
अरहर /तुअर खाने के फायदे arhar dal benefit in hindi
1. खुजली दूर करने -
अरहर के पत्तों को जलाकर उसकी राख को दही में मिलाकर लगाने से खुजली मिटती है।
2. अधकपारी में फायदेमंद-migraine me arhar ke fayde
अरहर के पत्तों तथा दूब (दूर्वा घास) का रस मिलाकर नाक में लेने से आधासीसी में लाभ होता है
3.भांग का नशा उतारने में-
अरहर की दाल को पीसकर, पानी मिलाकर पीने से भांग का नशा उतर जाता है; अथवा भांग का नशा हो तो अरहर की दाल को पानी में उबालकर या पानी में भिगोकर उसका पानी पिलाना चाहिए।
4.जीभ के छाले में फायदेमंद-
अरहर की दाल छिलकों सहित पानी में भिगोकर उस पानी से कुल्ले करने पर छाले ठीक हो जाते हैं। यह गर्मी के प्रभाव को दूर करती है। जीभ में छाले पड़ना तथा जीभ के फटने पर अरहर के कोमल पत्तों को चबाएं।
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अरहर के पत्ते के फायदे |
5. अधिक पसीना में फायदेमंद-
एक मुट्ठी अरहर की दाल, एक चम्मच नमक और आधा चम्मच पिसी हुई सोंठ को मिलाकर सरसों के तेल में डालकर छौंककर पीस लें। इस पाउडर से शरीर पर मालिश करने से पसीना आना बंद हो जाता है। सन्निपात की हालत में पसीना आने पर भी यह प्रयोग कर सकते हैं।अधिक पसीना आने की स्थिति में भुने हुए अरहर के बीजों का बारीक चूर्ण या शंख भस्म को शरीर पर लगायें। यदि रोग पर इस औषधि का कोई असर न दिख रहा हो तो उसे फौरन डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
6. अंडकोष वृद्धि में लाभ-
अरहर की दाल को पानी में भिगो दें। उसी पानी में उसे बारीक पीसकरमथोड़ा गर्म करें। इसके बाद उसे अंडकोष वृद्धि पर लगायें। सुबह-शाम कुछ दिनों तक ऐसा ही करने से अंडकोष वृद्धि में लाभ होता है।
7. दांतो के दर्द में-
अरहर के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से दांतों की पीड़ा खत्म होती है।
8. पुनः बाल उगाने में-arhar ke fayde bal ugane me
सिर के धब्बों को खुरदरे कपड़ों से रगड़कर साफ करने के बाद अरहर की दाल पीसकर रोजाना 3 बार इसका प्रयोग करें। इसके दूसरे दिन सरसों का तेल लगाकर धूप में बैठ जाएं और 4 घण्टे बाद फिर से इसे लगायें, इसी तरह कुछ दिनों तक इसका प्रयोग करने से बाल फिर से उग आते हैं।
9. अरहर के छिलके का धूम्रपान करने से हिचकी रुक जाती है।
10. रूसी दूर करने में-
अरहर की दाल छिलके सहित १ गिलास पानी में रख दें और इसे पीसकर माथे पर लेप करें। इसके बाद सिर को धोकर कंघी करें। कुछ दिनों तक ऐसा करने से रूसी दूर हो जाएगी।
11. गैस में फायदेमंद-
अरहर की दाल खाने से पेट की गैस की शिकायत दूर होती है।
12. कान की सूजन में-
कान की सूजन होने पर अरहर की दाल को पीसकर लगाने से सूजन ठीक हो जाती है।
13. घाव भरने में-
अरहर के कोमल पत्ते पीसकर लगाने से घाव भर जाते हैं।
14. पथरी में फायदेमंद-
अरहर के पत्ते ६ ग्राम और संगेहूद लगभग आधा ग्राम, को बारीक पीसकर पानी में मिलाकर पीने से पथरी में बहुत ही फायदा होता है।
15. स्त्री के स्तनों में दूध अधिक उत्पन्न होने पर
स्त्री के स्तनों में दूध अधिक उत्पन्न होने पर, अरहर के पत्तों और दालों को एक साथ पीसकर हल्का-सा गर्म करके, स्तनों पर लगाने से दूध की अधिकता रुक जाती है। दाल को पीसकर लेप की भांति स्तनों पर लगाने से स्तनों में आई सूजन नष्ट हो जाती है।
16. बेहोशी में फायदेमंद-
बेहोशी होने पर आधा घंटे तक अरहर की दाल को एक कप पानी में भीगने दें। इसके बाद इस पानी को रोगी की नाक में एक-एक बूंद करके डालें। कुछ देर बाद ही जब व्यक्ति होश में आ जाये तो बचे हुए पानी को रोगी को पिला दें।
17. शरीर की सूजन-
शरीर में सूजन वाले अंग पर 4 चम्मच अरहर की दाल को पीसकर बांधने से उस अंग की सूजन खत्म हो जाती है।
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