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किसी भी प्रकार की पेचिश को दूर करें, इन आसान घरेलू उपायो से,khooni,safed pechis ki dawa


 पेचिश क्या है?pechis kya hai, pechis ke gharelu upay

पेचिश पेट से संबंधित एक  ऐसा रोग है, जिसमें दस्त होने के साथ-साथ रक्त भी निकलता है। इस बीमारी को आंव भी कहते हैं। इस बीमारी के अन्य नाम आंवतिसार ,रक्ततिसार और आमातिसार  भी है | यह आंतों में होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है। इसमें पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है। पेचिश की बीमारी होने पर इसका तुरंत इलाज करवा लेना चाहिए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

pechis ki ayurvedic dawa
pechis ke gharelu upay


पेचिश होने के कारण pechis hone ke karan

 इस संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है इसके साथ-साथ बासी  खाना खाने, तली -भुनी चीजों का अधिक सेवन करना और अधिक मसालेदार वस्तुओं के सेवन से  पेचिश हो सकता है|

 इसके अतिरिक्त यह रोग मक्खियों से फैलता है| पेचिश रोग के जीवाणु रोगी के मल में मौजूद रहते हैं| जब कभी पेचिश का रोगी खुले में मल त्याग करता है ,तो उस पर मक्खियां आकर बैठ जाती हैं और वे उन जीवाणुओं को अपने साथ ले जाती हैं तथा खुली हुई खाने-पीने की चीजों पर छोड़ देती हैं| फिर जो व्यक्ति उन वस्तुओं को खाता है, उनके साथ वे जीवाणु उसके पेट में चले जाते हैं| इस तरह उस व्यक्ति को भी पेचिश की बीमारी हो जाती है| यदि कच्चा और कम पचा भोजन भी पेट में कुछ समय तक पड़ा रहता है तो वह सड़कर पाचन संस्थान में घाव पैदा कर देता है| इससे भी आंव का रोग हो जाता है|


पेचिश के लक्षण-pechis ke lakshan

सामान्य तौर पर देखा गया है कि पेचिश के रोगी को पेट में दर्द के साथ-साथ बुखार, कंपकंपी और उल्टी दस्त होते हैं और दस्त में खून दिखता है तो इसका सीधा-सीधा मतलब है कि मरीज को पेचिश की बीमारी है। इस बीमारी में रोगी को मल के साथ कफ जैसा चिकना पदार्थ भी निकलता है और बार-बार मरोड़ें उठती हैं। और मरीज बार-बार शौच भी जाता  है , वैसे देखा जाए तो पेचिश का रोग (safed pechis ki dawa)दो से 3 दिन में ठीक हो जाता है  ,लेकिन कभी-कभी इसे ठीक होने में 8 से 10 दिन भी लग सकते है, लेकिन इसमें रोगी को बहुत सी सावधानियां रखनी चाहिए

पेचिश के कुछ अचूक घरेलू उपाय(pechis ka gharelu upay in hindi)-

(1)चावल और दही के सेवन से-

अगर आप भी  पेचिश से परेशान हैं तो इसे चावल और दही से बिल्कुल ठीक कर सकते हैं इसके लिए आप 3 दिन तक लगातार चावल और दही का सेवन करें यह पेचिश के रोगियों के लिए बहुत ही बेहतरीन घरेलू उपाय है।

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पेचिश में चावल और दही का प्रयोग


(3)काली मिर्च ,जीरा और छाछ का प्रयोग- pechis ka desi ilaj

पेचिश रोग में काली मिर्च, जीरा, छाछ और सेंधा नमक का प्रयोग बहुत ही फायदेमंद होता है एक गिलास छाछ लेकर उसमें आधा चम्मच जीरा, आधा चम्मच काली मिर्च ,और आधा चम्मच सेंधा नमक तीनों को मिलाकर पिए पेचिश में आराम मिलेगा।


 (3)नींबू और काले नमक का- 

पेचिश में नींबू और काले नमक का प्रयोग भी बहुत लाभकारी होता है। एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर उसमें आधा चम्मच काला नमक मिलाकर पीएं, इस घोल को दिन में पांच से छ: बार पीने से समस्या से निजात मिलेगी।


(4)छाछ व हरे केले का प्रयोग-

एक गिलास छाछ में हरा केला मसलकर पीने से भी रोगी जल्दी ठीक हो जाता है, इसका प्रयोग कम से कम दिन में 3 बार  करने से जल्द आराम मिलता है।


(5)कैस्टर आयल और दूध का प्रयोग-

एक गिलास दूध में एक चम्मच पिसी हुई सोंठ और एक चम्मच अरण्डी का तेल (केस्टर ऑयल) मिलाकर तीन से चार दिन तक पीने से फायदा होता है। इससे पेट भी साफ होता है।

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(6)इस बगोल की भूसी और दही का प्रयोग-

एक गिलास दही में या छाछ में एक चम्मच ईसबगोल की भूसी डालकर दिन में तीन बार पीने से भी यह समस्या जल्दी ठीक होती है।


(7)इस काढ़े का प्रयोग करें-pechis ki dawa me kadha

एक बर्तन में एक गिलास पानी लें, इसमें एक चम्मच हल्दी, दो चम्मच दही, चुटकी भर हींग और स्वादानुसार सेंधा नमक मिला लें, फिर इसे दस से पन्द्रह मिनट के लिए उबालें और ठंडा होने के बाद इसे थोड़ा-थोड़ा करके दिनभर में पीते रहें, रोगी को जल्दी आराम मिलेगा।


(8)अदरक और सेंधा नमक-

पुराने आंव (purani aav ki dawa)को ठीक करने के लिए प्रतिदिन सुबह बिना कुछ खाए-पिए ,दो चम्मच अदरक का रस ,जरा-सा सेंधा नमक डालकर सेवन करें|


(9)फिटकिरी और अफीम-

20 ग्राम फिटकिरी और 3 ग्राम अफीम पीसकर मिला लें| इसमें से दो रत्ती दवा सुबह-शाम पानी के साथ लें|


(10)कच्चे पपीते का प्रयोग-aav me kachche papite ka prayog

 कच्चे पपीते द्वारा भी आप शाम को ठीक कर सकते हो | इसके लिए आप कच्चे पपीते को उबालकर खाएं |इस पके हुए पपीते में किसी अन्य सामग्री का मिश्रण ना करें |

pechis ka gharelu upchar
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खूनी आंव या दस्त की आयुर्वेदिक दवा dast ki dawa/khooni pechis ki ayurvedic dawa

(1) गाय के मक्खन में शहद मिलाकर चाटने से खूनी-दस्तों में तुरन्त लाभ होता है।

(2) दही के साथ हंसपदी लेने से खूनी दस्त बन्द हो जाते हैं।

(3) कुड़ा की जड़ की छाल और इन्द्र जौ का चूर्ण खाने से रक्तातिसार मिट जाता है।

(4) गन्धक-बिरोजा का तेल 2-2 ग्राम पीने से खूनी दस्त (dast ke upay) बन्द हो जाते हैं।

(5) 2 रत्ती जस्ता-भस्म को छुहारे और चावल के धोवन के साथ मिलाकर पीने से रक्तातिसार मिट जाता है।

(6) अनारदाना, सोंफ और धनिये का चूर्ण मिश्री मिलाकर 3-3 माशा दिन में तीन-चार बार लेने से खूनी दस्त बन्द हो जाते हैं।


कुछ जरूरी सुझाव या सावधानियां-Pechis me kya khaye aur kya na khaye-

भोजन करने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धोए।

हमेशा स्वच्छ पानी का ही सेवन करें।

जब तक आंव ठीक नहीं होता ,तब तक बाहर की चीजों का सेवन ना करें।

अधिक मसालेदार चीजों का प्रयोग ना करें।

पेचिश में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन काफी लाभकारी होता है

अगर आंव की समस्या ज्यादा विकराल हो गई है और घरेलू उपाय कार्य नहीं कर रहे हैं ,तो तत्काल डॉक्टर  को दिखाएं।

 

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