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अधकपारी के कारण, लक्षण और स्थायी रामबाण इलाज,migraine treatment in hindi


अधकपारी या माइग्रेन migraine ka ayurvedic ilaj

 आधे सिर का दर्द (माइग्रेन) जिसे अधकपारी के नाम से भी जाना जाता है यह दर्द सर के किसी भी हिस्से में होता है ।या सर के बाएं या दाएं हो सकता है।यह दर्द धीरे-धीरे शुरू होकर काफी तेज हो जाता है।इस दर्द का कोई निश्चित समय नहीं  होता है।यह दर्द कुछ मिनट भी हो सकता है, कुछ घंटे भी हो सकता है ,या कुछ सप्ताह या महीने भी हो सकता है।माइग्रेन का दर्द(migraine treatment in hindi) सूर्य अस्त होने के साथ-साथ बढ़ता जाता है ।आज हम इस लेख में माइग्रेन के दर्द ,माइग्रेन होने के कारण और इसके कुछ घरेलू उपाय के बारे में चर्चा करेंगे।

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 अधकपारी होने के कारण-adhkapari ke Karan

 अधकपारी होने के निम्नलिखित कारण हो सकते  है।

 नजर कमजोर होना-

अधकपारी में नजर कमजोर होना भी एक मुख्य कारण हो सकता है नजर कमजोर होने के   परी राम स्वरूप किसी भी वस्तु को देखने के लिए अधिक आंखों पर जोर दिया जाता है जिससे सर में दर्द हो सकता है।

 पेट में गैस -

कभी-कभी हम इतना अधिक मसालेदार चीजों का प्रयोग करते हैं, जिसकी वजह से हमारे पेट में गैस बनने लगती है और यही गैस धीरे-धीरे ऊपर चढ़कर हमारे सर तक पहुंच जाती है ,जो माइग्रेन का कारण बनती है।

किसी वस्तु पर अधिक समय तक ध्यान केंद्रित करना-

वर्तमान युग में लोग अधिक से अधिक मोबाइल,लैपटॉप और किताबों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।अगर आप मोबाइल फर अधिक समय तक समय व्यतीत करते हैं, तो आपको माइग्रेन की समस्या हो सकती है।वहीं अगर किताब  को अधिक समय तक पढ़ते हैं  , तब भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है।

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 तनाव की वजह से-

 माइग्रेन का मुख्य कारण तनाव भी है।कभी-कभी लोग इतने अधिक तनाव ग्रस्त हो जाते हैं, कि उनके सर में दर्द होने लगता है ,जो आगे चलकर माइग्रेन का रूप भी ले सकती है।

 कम सोना -

रात में अच्छी तरह से नींद न लेने के कारण या अधिक समय तक जागने के कारण माइग्रेन की समस्या(migraine treatment in hindi at home) हो सकती है।

अधकपारी से बचने के लिए क्या करें?migraine me kya nahi khana chahiye

  1. भरपूर नींद लेने की कोशिश करें
  2.  बासी खाना का सेवन ना करें
  3.  सुबह सुबह योगा करें
  4.  सुबह उठकर पानी पिए 
  5. शराब तथा मदिरा आदि का सेवन ना करें
  6.  हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक से अधिक सेवन करें 
  7. तैलीय व मसालेदार चीजों का सेवन ना करें जिससे पेट में गैस  न बने |

अधकपारी के अचूक रामबाण घरेलू इलाज migraine ka ramban gharelu ilaj

(1)गाय का घी-

 गाय के पुराने घी को गर्म करके सुबह शाम दोनों नाको में तीन -तीन बूंद डाले | इस प्रयोग को 3 से 4 सप्ताह तक करें |आपकी एक पारी पूरी तरह से ठीक हो जाएगी | घी और केसर को एक साथ सूंघने से आधाशीशी का दर्द मिट जाता है।

(2) कुटकी और नौसादर का प्रयोग-

 कुटकी और नौसादर को समान भाग मिलाकर माथे पर लेप करने से आधाशीशी का दर्द शान्त हो जाता है।


(3) कोहली के बीजों का रस-

 कोयली के बीजों का रस निकाल कर दो या तीन बूंद कान में टपकाएं,अवश्य आराम होगा।


(4) गाजर के पत्तों का प्रयोग-

 गाजर के पत्तों में शुद्ध घी लगाकर गरम करें, इन्हीं पत्तों के गरम रस की 2-3 बँदें नाक तथा कान में डालें। इससे छींक आते ही सिरो-पीड़ा दूर हो जाती है।

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(5) काली मिर्च और घी का प्रयोग -

कालीमिर्च को घी में घिसकर नाक में 2-3 बूँद टपकाने से आधाशीशी का दर्द(aadha sir dard ka ilaj in hindi) मिट जाता है।

(6) हींग का जल बनाकर सूंघने से आधाशीशी का दर्द ठीक हो जाता है।

(7) कपूर और पेठा

अधकपारी रोग में कपूर और पहचान का प्रयोग करना भी लाभकारी होता है।कपूर और पेठा मिलाकर खाने से आधाशीशी की पीड़ा मिट जाती है।


(8)हुरहुर के पत्तों का प्रयोग

 हुरहुर के पत्तों के साथ इसके बीज मिलाकर कूटें तथा इस रस को मस्तक पर लगाने से आधाशीशी का दर्द शान्त हो जाता है।

(9)  काली बकरी का मूत्र

काली बकरी के मूत्र में समुद्रफल मिलाकर सूंघने से आधाशीशी की पीड़ा मिट जाती है।


(10)नारियल का पानी-

 नारियल का पानी नाक में दो या तीन बूँद टपकाने से आधाशीशी का दर्द ठीक हो जाता है।

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अधकपारी में नारियल पानी का प्रयोग

(11)  सरसों का तेल-(migraine ko jad se khatam karne ka ilaj)

जिधर के भाग में दर्द हो, उसी तरफ के नथुने में 10 बूंद सरसों का तेल डालें। दो-चार दिन लगातार यही क्रिया दुहराने से आधाशीशी-दर्द हमेशा के लिए मिट जाता है। अनेक बार परीक्षित योग है।


(12) गर्म दूध और गर्म जलेबी-

 प्रातःकाल गरम दूध के साथ गरम जलेबी खाने से भी अर्द्धकपारी का दर्द ठीक हो जाता है।


(13) खसखस, धनिया और  काली मिर्च का प्रयोग-

6 ग्राम उस्ते खसखस, 3 ग्राम धनियाँ, 2 नग कालीमिर्च को ठण्डाई की तरह घोटकर सूर्योदय से पूर्व रोगी को पिलाने से 3-4 दिन में ही पुराने से पुराना अधकपारी-दर्द मिट जाता है।


(14) काजल का प्रयोग-

 सूर्योदय से पूर्व काली स्याही (काजल) आखों में लगाने से भी अधकपारी का दर्द मिट जाता है।


(15) काली मिर्च का प्रयोग

 कालीमिर्च पानी में घिसकर जिस तरफ दर्द हो, उससे दूसरी तरफ आँख में उँगली से लगा दें। यह दवा आँख में लगती बहुत जोर से है, परन्तु अधकपारी का दर्द दुबारा नहीं होता।


(16)  केसर ,गिरी बादाम ,चन्दनचूरा और कपूर का प्रयोग-

केसर 2 ग्राम, गिरी बादाम 1 ग्राम, चन्दनचूरा 1 ग्राम, कपूर 1 ग्राम लेकर गाय के घी में घोटकर सूंघने से अधकपारी का रोग (aadha sir dard ka ilaj in hindi) समाप्त हो जाता है।


(17)  घी और गुड़ का प्रयोग-

अधकपारी में घी और गुड़ भी काफी लाभकारी होता है।घी और गुड़ मिलाकर पीने से अधकपारी का दर्द ठीक हो जाता है।



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