बरसात का मौसम आते ही वायरल फीवर के मामले बढ़ने लगते हैं। अगर इस मौसम में आप सही से देखभाल नहीं करते हैं तो शरीर में दर्द, तेज बुखार, खांसी-जुकाम के लक्षण आमतौर पर देखने को मिल जाते हैं। इसके दो बड़े कारण हैं। पहला मौसम में बदलाव यानी तापमान का घटना। यह मौसम मच्छरों, बैक्टीरिया और वायरस के बढ़ने और फैलने के लिए मुफीद माना जाता है।
दूसरा, बारिश में कुदरती तौर पर शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता यानी इम्युनिटी कम हो जाना। इम्युनिटी का स्तर कम होने के कारण ये आसानी से शरीर को संक्रमित करते हैं। नतीजा तेज बुखार के रूप में सामने आता है। इसके इलाज के तौर पर आयुर्वेदिक काढ़ा लेने की सलाह दी जाती है। जिसे घर पर आसानी से तैयार किया जा सकता है।
थकान, मांसपेशियों में दर्द, तेज बुखार, खांसी, जोड़ों में दर्द, गले में दर्द, सिरदर्द, आंखों का लाल होना और अगर आपका माथा बहुत तेज गर्म हो तो, तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।
आमतौर वायरल बुखार ठीक होने पर 5-6 दिन लग जाते हैं। तापमान जितना ज्यादा बढ़ता है बुखार उतना ही बेकाबू होता है। इसलिए जल्द इलाज ही बेहतर विकल्प है।
1. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए घर पर आयुर्वेदिक काढ़ा बना सकते हैं। इसके लिए एक लीटर पानी में कुटी हुई सौंठ, तुलसी की पत्तियां, गिलोय का गूदा, चिरायता, नीम और पपीते के पत्तों को डालकर उबालें। एक चौथाई रह जाने पर हटा लें। इसे हल्का गुनगुना करके पीएं। इससे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। इसे दिन में 3-4 बार जरूर लें
2. एक मुट्ठी तुलसी के पत्तों और एक चम्मच लौंग पाउडर को एक लीटर पानी में उबाल कर रख लें। इस पानी को हर 2 घंटे के अंतराल पर लें।
3. अदरक, लौंग और तुलसी की चाय को इस मौसम में नियमित तौर पर पीएं।
4. खांसी अधिक आने पर कालीमिर्च पाउडर, सेंधा नमक और शहद को मिलाकर ले सकते हैं। या छोटी पिप्पली पाउडर को शहद के साथ खाना भी बेहतर विकल्प है। जुकाम होने पर तुलसी की पत्तियां और अदरक का काढ़ा लें।
5. एक कप पानी में दो मध्यम आकार के सूखे टुकड़े अदरक या सौंठ पाउडर को डालकर उबालें। दूसरे उबाल में अदरक के साथ थोड़ी हल्दी, काली मिर्च, चीनी आदि को उबालें। इसे दिन में चार बार थोड़ा थोड़ा पिएं। इससे वायरल बुखार में आराम मिलता है।
वायरल बुखार के समय हम कुछ आवश्यक सावधानियां बरतकर भी काफी हद तक इससे छुटकारा पा सकते |
नोट :-याद रखिये यह केवल घरेलू उपचार है, इसके बावजूद भी अगर आप का बुखार नहीं उतरता है तो आप डॉक्टर से जरूर सलाह ले हो सकताा है, आपकी समस्या काफी बड़ी हो|
दूसरा, बारिश में कुदरती तौर पर शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता यानी इम्युनिटी कम हो जाना। इम्युनिटी का स्तर कम होने के कारण ये आसानी से शरीर को संक्रमित करते हैं। नतीजा तेज बुखार के रूप में सामने आता है। इसके इलाज के तौर पर आयुर्वेदिक काढ़ा लेने की सलाह दी जाती है। जिसे घर पर आसानी से तैयार किया जा सकता है।
वायरल बुखार के शुरुआती लक्षण :-
सर्दी-खांसी जुकाम को इस मौसम में खासतौर पर नजरअंदाज न करें। ये संक्रमण के शुरुआती लक्षण होते हैं।थकान, मांसपेशियों में दर्द, तेज बुखार, खांसी, जोड़ों में दर्द, गले में दर्द, सिरदर्द, आंखों का लाल होना और अगर आपका माथा बहुत तेज गर्म हो तो, तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।
आमतौर वायरल बुखार ठीक होने पर 5-6 दिन लग जाते हैं। तापमान जितना ज्यादा बढ़ता है बुखार उतना ही बेकाबू होता है। इसलिए जल्द इलाज ही बेहतर विकल्प है।
वायरल बुखार के कुछ जबरदस्त आयुर्वेदिक घरेलू उपाय :-
आयुर्वेद में इलाज के तौर पर सबसे पहले शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाया जाता है। इसके लिए कुछ घरेलू उपाय भी किए जा सकते हैं, जैसे -1. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए घर पर आयुर्वेदिक काढ़ा बना सकते हैं। इसके लिए एक लीटर पानी में कुटी हुई सौंठ, तुलसी की पत्तियां, गिलोय का गूदा, चिरायता, नीम और पपीते के पत्तों को डालकर उबालें। एक चौथाई रह जाने पर हटा लें। इसे हल्का गुनगुना करके पीएं। इससे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। इसे दिन में 3-4 बार जरूर लें
![]() |
बुखार में तुलसी के पत्ते का प्रयोग |
2. एक मुट्ठी तुलसी के पत्तों और एक चम्मच लौंग पाउडर को एक लीटर पानी में उबाल कर रख लें। इस पानी को हर 2 घंटे के अंतराल पर लें।
3. अदरक, लौंग और तुलसी की चाय को इस मौसम में नियमित तौर पर पीएं।
4. खांसी अधिक आने पर कालीमिर्च पाउडर, सेंधा नमक और शहद को मिलाकर ले सकते हैं। या छोटी पिप्पली पाउडर को शहद के साथ खाना भी बेहतर विकल्प है। जुकाम होने पर तुलसी की पत्तियां और अदरक का काढ़ा लें।
5. एक कप पानी में दो मध्यम आकार के सूखे टुकड़े अदरक या सौंठ पाउडर को डालकर उबालें। दूसरे उबाल में अदरक के साथ थोड़ी हल्दी, काली मिर्च, चीनी आदि को उबालें। इसे दिन में चार बार थोड़ा थोड़ा पिएं। इससे वायरल बुखार में आराम मिलता है।
वायरल बुखार से बचाव के लिए कुछ सावधानियां-
वायरल बुखार के समय हम कुछ आवश्यक सावधानियां बरतकर भी काफी हद तक इससे छुटकारा पा सकते |
- सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले दूषित पानी और खानपान के कारण होते हैं। इसलिए भोजन ताजा और गर्म खाएं।
- पानी को उबालकर ठंडा करें फिर पीएं। बारिश के बाद डेंगू फैलने की आशंका भी रहती है, जिसके लक्षण बुखार के रूप में दिखते हैं इसलिए गंदे पानी से दूर रहें।
- अगर घर या आसपास ठहरा हुआ पानी है तो हटाएं या उसमें केरोसिन की कुछ बूंदें डालें, इससे मच्छरों की बढ़ोतरी पर रोक लगेगी।
- सोते समय मॉसक्यूटो रिपेलेंट्स या मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- आसपास सफाई रखें और ऐसे खुली जगह में बिल्कुल न लेटें जहां मच्छर हों।
- मच्छरों से बचने के लिए रिपेलेंट्स के तौर पर नीम, नीलगिरी या तारपीन के तेल का छिड़काव करें, मच्छरों को दूर करते हैं और शरीर को नुकसान से बचाते हैं।
नोट :-याद रखिये यह केवल घरेलू उपचार है, इसके बावजूद भी अगर आप का बुखार नहीं उतरता है तो आप डॉक्टर से जरूर सलाह ले हो सकताा है, आपकी समस्या काफी बड़ी हो|
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
kumarvinodak786@gmail.com